रंगों का त्योहार होली पूरे भारत में बहुत धूमधाम और समारोह के साथ मनाया जाता है। भारत में त्योहारों से जुड़े कई रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, जिनमें से एक यही है कि नई दुल्हन अपनी पहली होली अपने मायके में ही मनाती है। अगर आपको इसका जवाब नहीं पता है तो आइए बताते हैं।
होली, रंगों का हिंदू त्योहार, नई दुल्हनों के लिए अशुभ माना जाता है जो इसे अपने ससुराल में मनाती हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर बहू और सास एक साथ होली की आग देख लें तो उनके रिश्ते खराब हो जाते हैं।
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इसलिए, लड़की के ससुराल वालों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए दामाद के लिए शादी के बाद पहली होली पत्नी के मायके में मनाने की प्रथा है।
ऐसा माना जाता है कि अगर दामाद अपनी पहली होली पत्नी के साथ मायके में मनाता है तो इससे उनके वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कन्या के मायके में होली खेलने से संतान का सौभाग्य प्राप्त होता है
और स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। मान्यताओं में यह भी कहा गया है कि अगर किसी महिला को होली के आसपास संतान की प्राप्ति होने वाली हो तो उसे अपने ससुराल की होली नहीं देखनी चाहिए।